कृषि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उपयोगार्थ छात्रावास का निर्माण

  • मण्डी परिषद के मा0 संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 18.01.2019 में कृषि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उपयोगार्थ शासकीय संस्थानों में छात्रावास का निर्माण कराये जाने हेतु रू0 25.00 करोड़ का वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजटीय प्राविधान किए जाने का निर्णय लिया गया ।
  • चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर एवं बांदा कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा से छात्रावास के निर्माण कराये जाने हेतु प्राप्त प्रस्ताव के क्रम में परियोजना/आगणन स्वीकृति की प्रक्रिया में है तथा नरेन्द्र देव कृशि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय फैजाबाद से प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। अग्रेतर कार्यवाही प्रचलित है।
  • छात्रावास केवल शासकीय कृषि विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में ही निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
  • छात्रावास के निर्माणार्थ शासकीय संस्थान के परिसर के अन्दर लगभग 2500 वर्गमीटर निःशुल्क भूमि उपलब्धता की आवश्यकता रखी गई है।
  • छात्रावास के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर संबन्धित संस्थान को हस्तगत किए जाने का प्राविधान किया गया है।
  • निर्मित छात्रावास के अनुरक्षण/मरम्मत/रख-रखाव एवं सफाई इत्यादि की व्यवस्था संस्थानों द्वारा अपने वित्तीय संसाधनों से कराया जायेगा।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार के विकसित करने हेतु हाट-पैठ का निर्माण

  • प्रदेश के कृषकों के कल्यार्थ राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उ0प्र0 के मा0 संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 24.07.2018 में प्रदेश के ग्रामीण हाट/बाजारों को विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में स्थल का चयन किए जाने हेतु जिलाधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक स्वामित्व एवं निर्विवादित स्थान का चयन कर निर्माण कार्य कराया जाना है।
  • हाट पैठ के निर्माण हेतु न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता रखी गई है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में हाट पैठ विकसित हो जाने पर किसानों एवं छोटे व्यापारियों को एक ही परिसर में दैनिक आवश्यक वस्तुओं तथा खाद्यान्न के क्रय-विक्रय हेतु सुविधा प्राप्त होने के साथ ही स्वच्छ वातावरण में अपना व्यापार सुगमता से कर सकेगें।
  • निर्मित होने वाले हाट पैठ में किसानों/व्यापारियों के बैठने हेतु 02 छायादार चबूतरा, सोलर लाइट, शौचालय एवं पीने के पानी जैसी आवश्यक बेहतर जनसुविधाएं विकसित किए जाने का प्राविधान रखा गया है।